Friday, April 5, 2024

एक बहुत बड़ा तीसमारखां  खुद को दुनिया का सबसे बड़ा तीरंदाज़ समझता था. फिर एक रोज़ किसी ने कहा. फलां उस्ताद से सीखे बिना। सबसे बड़े तीरंदाज़ नहीं बन सकते। शख्स उस्ताद के पास गया।  3 साल तालीम ली. ऐसा फन्ने खां बन गया कि बंद आँखों से तीर चलाने लगा. फिर जब तालीम पूरी हो हो गयी. उसने गुरु हो अलविदा कहा. विदा लेने से पहले हालांकि उसने एक आख़िरी सवाल पूछा।- क्या अब मैं दुनिया का सबसे बड़ा तीरंदाज़ हूं. गुरु ने कहा - शायद हां. लेकिन तीरदांजी का असली मर्म समझने वाला कोई और है. 
शख्स बड़ा गुस्सा हुआ. "घोडा दौड़ाते हुए तीर चला सकने वाला मैं. मुझसे बेहतर कौन होगा?'" उसने सोचा। 
उस्ताद आगे बोले - एक गांव है यहां से सौ कोस दूर. वहां रहता है एक शख्स जो तीरंदाज़ी का असली मर्म जानता है।  वो है दुनिया का सबसे बड़ा तीरंदाज़।
तीरअंदाज़ कौतुहल से भरा उस गाँव की ओर चल पढ़ा. 
कुछ 100 कोस बाद उसे एक अजीब नजारा दिखाई दिया। जंगल में पेड़ों पर बुल्स ऑय बने हुए थे (गोले के अंदर गोला। जिस पर निशाना लगाया जाता है). हर बुल्स ऑय केबीचों बीच एक तीर लगा हुआ था. मने एकदम सटीक निशाने पर.
वो शख्स आगे बढ़ा तो उसे ऐसे बुल्स आय की एक पूरी कतार दिखाई दी. हर बुल्स आई में तीर एकदम बीच में लगा हुआ था. एक भी तीर थोड़ा ऊपर या थोड़ा नीचे नहीं था. 
ये देखकर उसने सोचा, इतना सटीक निशाना तो मेरा भी नहीं कि सैकड़ों बार बुल्स आई पर एकदम सटीक निशाना लगा दूं. 
वो आगे गया तो उसे वही गाँव मिला। जिसके बारे में उस्ताद ने बताया था. गांव में खड़े एक आदमी से उसने पूछा। "इस गाँव में तीरं कौन चालाता है. किसने पेड़ों पर तीर मारे हैं.?"
उस आदमी ने तीरन्दाज से कहा, "हां है एक यहां जो तीर चलाता है". 
"वो कहां मिलेगा," तीरंदाज़ ने पूछा। 
गाँव ने आदमी ने उसे बताया कि गाँव से कुछ दूर वो जंगल में मिल जाएगा। 
तीरंदाज़ उत्सुकता से भरा हुआ था. वो उस शख्स से मिलना चाहता था. जो दुनिया में सबसे अच्छा निशाना लगाता है. 
वो जंगल की ओर गया. दूर जंगल में उसे एक 21 साल की लड़की मिली। जो धनुष बाण पकडे हुए  था. और दूर पेड़ पर तीर मारने के फिराक में था. 
वो शख्स उसके पास गया. और पूछा। "कैसे? आप कैसे 100 में से 100 बार सही निशाना लगा लेती हो. आपका एक भी तीर एक इंचभी गलत नहीं होता। आपने कहां से सीखा। वो भी इतनी कम उम्र में    . तुम इतना सटीक निशाना कैसे लगा लेती हो"
लड़की ने जवाब देते हुए कहा, "रुकिए आपको दिखाती हूं"
ये कहकर उस लड़की ने अपनी कमान से एक तीर निकाला। और उसे प्रत्यंचा पर चढ़ाकर छोड़ दिया। 
तीर सामने एक पेड़ पर लगा. 
इसके बाद वो लड़की पेड़ के पास गई. अपनी जेब से एक ब्रश निकाला और जहां तीर लगा था. उसके इर्दगिर्द एक बुल्स आई बना दिया। 

Monday, April 1, 2024

चाय का अच्छा बहाना था जुकाम का लाइलाज होना
जरा जोर से फ़ूको के इत्ती दूर से असर नहीं आता
और सब मैने डीलीट कर दिया है इन्बाक्स से
एक ही तो मेसेज है इन्त्जारी, मगर नहीं आता
डाटा पैक मे बस चन्द एमबी ही बचे हैं इलाही
पर फ़ेसबुक पे आनलाएन कोई नजर नहीं आता

Friday, March 22, 2024

बर्फ

तेरे ख़याल की तासीर ने रोक रखी थी शायद 
तेरे जाने के बाद 
उस शहर में 
बर्फ पड़ी 
इस बार 
सुना है 

आदत

दो सिरो पे दिन सुलगता है
हर सांस एक बुरी आदत है 

शहर

कुछ शहर ऐसे होते हैं 
जिन पर कविताएं लिखी जाती हैं
कुछ लोग ऐसे होते हैं
जिन पर गीत लिखे जाते हैं 
ये एक ऐसा ही शहर है
तुम कुछ उन लोगों में से हो

नशा

नशा गर है
जो भी बोलूंगा 
सब खुमारी में 
नशा बात में नहीं 
उसको छुपाने में है 

खपत

ए जिन्दगी
तू यूं भी तो गुजर ही जाएगी.
चलो! फ़कत ही सही ।
वो अरसा, वे लोग
कुछ काम की नहीं तू
सो तेरा इस्तेमाल तो न हुआ
चलो! खपत ही सही